कहने को तो दुनिया में हैं सुखनवर बहुत अच्छे, पर कहते हैं कि "गाने-साने" का है अंदाज-ए-बयां और!
वाह वाह।
क्या बात है रे...सुबह सुबह लोक गीत और अब ये...मस्त :)
बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - देखें - 'मूर्ख' को भारत सरकार सम्मानित करेगी - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
बहुत सुंदर लोकगीत ...धन्यवाद
वाह वाह।
ReplyDeleteक्या बात है रे...सुबह सुबह लोक गीत और अब ये...
ReplyDeleteमस्त :)
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - देखें - 'मूर्ख' को भारत सरकार सम्मानित करेगी - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
बहुत सुंदर लोकगीत ...धन्यवाद
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