Sunday, May 16, 2010

वक्त ने किया क्या हसीं सितम

कागज के फूल का गीत, गीतादत्त द्वारा गया हुआ

वक्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम..

बेक़रार दिल, इस तरह मिले,
जिस तरह कभी हम जुदा न थे..
तुम भी खो गए, हम भी खो गए..
एक राह पर चल के दो कदम..

वक्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम..

जायेंगे कहाँ, सूझता नहीं..
चल पड़े मगर, रास्ता नहीं..
क्या तलाश है, कुछ पता नहीं..
बुन रहे हैं दिन, ख़्वाब दम-बदम

वक्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम..

7 comments:

  1. मेरे सबसे पसंदीदा गानों में से आता है ये गाना....और फिल्म का तो बस क्या कहना....लाजवाब :)

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  2. एक गीत सुनकर निकले और ये मिल गया.


    ऐ भाई, जरा ये वर्ड वेरीफिकेशन हटाना तो!!

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  3. हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग की दुनिया में आपका स्‍वागत है ।

    यह मेरा पसंदीदा गाना है ।
    आशा है आप नियमित रूप से गाने साने पोस्‍ट करते रहेंगे ।

    हार्दिक बधाई और आभार ।

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  4. Replies
    1. सही कहा संतोष जी आपने.

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