कागज के फूल का गीत, गीतादत्त द्वारा गया हुआ
वक्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम..
बेक़रार दिल, इस तरह मिले,
जिस तरह कभी हम जुदा न थे..
तुम भी खो गए, हम भी खो गए..
एक राह पर चल के दो कदम..
वक्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम..
जायेंगे कहाँ, सूझता नहीं..
चल पड़े मगर, रास्ता नहीं..
क्या तलाश है, कुछ पता नहीं..
बुन रहे हैं दिन, ख़्वाब दम-बदम
वक्त ने किया क्या हसीं सितम,
तुम रहे ना तुम, हम रहे ना हम..
मेरे सबसे पसंदीदा गानों में से आता है ये गाना....और फिल्म का तो बस क्या कहना....लाजवाब :)
ReplyDeleteएक गीत सुनकर निकले और ये मिल गया.
ReplyDeleteऐ भाई, जरा ये वर्ड वेरीफिकेशन हटाना तो!!
हटा दिए.. :)
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉगिंग की दुनिया में आपका स्वागत है ।
ReplyDeleteयह मेरा पसंदीदा गाना है ।
आशा है आप नियमित रूप से गाने साने पोस्ट करते रहेंगे ।
हार्दिक बधाई और आभार ।
सदाबहार गीत 🎵
ReplyDeleteसही कहा संतोष जी आपने.
Deleteजीवन्त गीत
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