मैं कुछ कहूँगा नहीं, सीधे गीत पर ही आता हूँ.. आप भी सुने और मदहोश हो जाएँ.. :)
आप यूँ फासलों से गुज़रते रहे, दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आहटों से अँधेरे चमकते रहे, रात आती रही रात जाती रही
गुनगुनाती रहीं मेरी तनहाईयां, दूर बजती रहीं कितनी शहनाईयां
ज़िन्दगी ज़िन्दगी को बुलाती रही, आप यूँ फासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ ...
कतरा कतरा पिघलता रहा आसमान, रूह की वादियों में न जाने कहाँ
इक नदी.. इक नदी दिल रुबा गीत गाती रही
आप यूँ फासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
आप यूँ...
आप की गर्म बाहों में खो जाऐंगे, आप की नर्म जानों पे सो जाऐंगे
मुद्दतों रात नींदें चुराती रही, आप यूँ फासलों से गुज़रते रहे
दिल से क़दमों की आवाज़ आती रही
nice song
ReplyDeleteबसों में ये गाना बहुत बार सुना है. :D
ReplyDeletedil ki awaaj
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